मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के बंटवारे में हुआ था अनिल अंबानी को भरपूर फायदा, मिली थी विरासत में मनपसंद कंपनी
मुकेश अंबानी दुनिया के ऐसे उद्योगपति है जिनकी लोकप्रियता आज सारी हदों को पार कर रही है। जिस सेक्टर में मुकेश अंबानी अपने कदम को रख रहे हैं उस सेक्टर में उन्हें खूब सफलता मिल रही है। हाल फिलहाल में ही उन्होंने आईपीएल के सारे अधिकार अपने पास खरीद लिए हैं जिसकी वजह से भी उन्हें रोजाना लाखों रुपए का मुनाफा हो रहा है। अपने व्यवसाय शैली के लिए पहचाने जाने वाले मुकेश अंबानी के लिए हालांकि इस मुकाम पर पहुंचना बिल्कुल आसान नहीं था क्योंकि जब उनके भाई अनिल अंबानी के साथ उनका बंटवारा हुआ तब बंटवारे में उन्हें कुछ ऐसी कंपनियां मिली जिससे उनका कोई नाता नहीं था वहीं दूसरी तरफ उनके भाई अनिल अंबानी को उनकी पसंद की चीजें मिली। आइए आपको बताते हैं अंबानी भाइयों में हुए इस बंटवारे में कैसे अनिल अंबानी को खूब फायदा हुआ था।
अनिल अंबानी को इस तरह से हुआ बड़ा फायदा
मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के बंटवारे में हुआ था अनिल अंबानी को भरपूर फायदा, मिली थी विरासत में मनपसंद कंपनी
मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के बीच एक समय में खूब मनमुटाव हो गया था। दरअसल संपत्ति के बंटवारे को लेकर यह दोनों एक दूसरे के खिलाफ हो गए थे जिसके बाद मां कोकिलाबेन ने इन दोनों के बीच बंटवारा कर दिया था। कोकिलाबेन ने मुकेश अंबानी को पेट्रोलियम और रिफाइनरी के इंडस्ट्रीज सौंप दिए थे वहीं दूसरी तरफ अनिल अंबानी को टेलीकॉम सेक्टर और फाइनेंस एनर्जी दी गई थी। मुकेश अंबानी के लिए यह बंटवारा बड़ा झटके वाला था क्योंकि टेलीकॉम सेक्टर से उन्हें अच्छा खासा लगाव था और यही नहीं कोकिलाबेन ने इस दौरान इन दोनों के इस बात के लिए भी साइन लिए थे कि आगे चलकर यह दोनों एक दूसरे से व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा नहीं करेंगे। आइए आपको बताते हैं मनचाहा प्रॉपर्टी पाने के बाद भी कैसे अनिल अंबानी इस विरासत को संभाल नहीं पाए थे।
अनिल अंबानी की 2010 तक हालत हो गई थी बेहद खराब
मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के बंटवारे में हुआ था अनिल अंबानी को भरपूर फायदा, मिली थी विरासत में मनपसंद कंपनी
संपत्ति के बंटवारे के बाद दोनों भाई अपने अपने कामों में लग गए थे। शुरुआत में तो अनिल अंबानी के लिए परिस्थितियां काफी अनुकूल रही लेकिन उसके बाद उन्हें अपने व्यवसाय में घाटा लगने लगा। दूसरी तरफ मुकेश अंबानी ने पेट्रोकेमिकल और रिफाइनरी में खूब मुनाफा कमाते हुए विश्व के नंबर एक उद्योगपति बनने का खिताब हासिल किया। 2010 तक लेकिन मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल की ऐसी हालत हो गई कि वह दिवालियापन पर आ गए और करोड़ों रुपए के कर्ज में डूब गए। अपने भाई की टेलीकॉम सेक्टर कंपनी को नीचे की तरफ जाता देख मुकेश अंबानी ने इसे मौके की तरह लिया और उन्होंने अपनी खुद की टेलीकॉम सेक्टर खोली और उस क्षेत्र में वापस कदम रख दिया। मुकेश अंबानी को इससे तगड़ा फायदा हुआ और सिर्फ यही नहीं उन्होंने मुनाफा कमाने के बाद अपने भाई को भी कर्ज से निकाला जिसके बाद अब इन दोनों के बीच व्यवसाय में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है और यह दोनों एक दूसरे के साथ में ही व्यवसाय को आगे बढ़ा रहे हैं।