अरबों की मालकिन हैं सड़क किनारे चूल्हे पर खाना बन रही ये महिला, सादगी ने जीता लोगों का दिल
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक तस्वीर बड़ी तेजी से वायरल हो रही है जिसमें जमीन पर बैठे हुए महिला बड़े ही सादगी से खाना बनाते ही नजर आ रही है। बता दें, ये महिला कोई आम महिला नहीं बल्कि इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति की पत्नी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सास पद्मश्री सुधा मूर्ति है। जी हां.. सुधा मूर्ति अपनी सादगी और सहजता के लिए जाने जाती है।
वह वर्तमान में मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता और एक लेखिका के रूप में मशहूर है। इतना ही नहीं बल्कि वह अरबों की संपत्ति की मालकिन है। ऐसे में जमीन पर बैठे हुए सुधा मूर्ति का यह सादगी भरा अंदाज किसी का भी दिल जीत सकता है।
पोंगल उत्सव में शामिल हुईं सुधा मूर्ति:वायरल हो रही इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि सुधा मूर्ति सड़क के किनारे आम लोगों के बीच बैठी हुई है और यहां पर मिट्टी के बर्तन में पोंगल उत्सव के लिए खाना तैयार कर रही है। केरल स्थित तिरुअनंतपुरम के अट्टुकल भगवती मंदिर के पास पोंगल उत्सव के खास मौके पर सुधा मूर्ति आम महिलाओं के बीच शामिल हुई।
हालांकि कई लोग सुधा मूर्ति को पहचान नहीं पाए लेकिन जिन्हें हकीकत मालूम है, वे उनका यह रूप देखकर हैरान रह गए। जैसे ही सुधा मूर्ति की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो इसे लोगों ने खूब पसंद किया और कमेंट्स कर उनकी तारीफ की।
बता दें, हाल ही में सुधा के दामाद ऋषि सुनक जब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने कहा था कि, “वह प्रधानमंत्री बने हैं। ठीक है, इससे ज्यादा कुछ नहीं। वो हमारे लिए दामाद थे और दामाद रहेंगे।” जब सुधा मूर्ति से सवाल किया गया कि क्या उनकी ऋषि सुनक से राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा होती है? तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि, “वह हमेशा हमारे दामाद थे। मैं उन्हें शुभकामनाएं दूंगी। मैं अपने देश की चीजों को देखती हूं और वो अपनी चीजों को देखते हैं।”
पत्नी के पैसो से ही रखी थी इंफोसिस की नींव:आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इंफोसिस के फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति ने कभी अपनी पत्नी सुधा मूर्ति से ₹10000 लेकर इस कंपनी की नींव रखी थी। नारायण मूर्ति ने कहा था कि उनकी पत्नी की बदौलत ही उन्होंने इतना बड़ा अंपायर खड़ा किया है। वह हमेशा उनके साथ हर मुश्किल में खड़ी रहती है। वही सुधा मूर्ति से जब पूछा गया कि, 10,000 रुपये देते समय क्या आपको इसे लेकर चिंतित नहीं थी?
इस पर उन्होंने कहा था कि, “जब मेरी शादी हुई तो मेरी मां ने मुझे सीख दी थी कि अपने पास कुछ रुपये रखने चाहिए। इनका उपयोग सिर्फ इमरजेंसी में करना चाहिए। इन पैसों का उपयोग साड़ी, सोना या और कुछ खरीदने में नहीं करना चाहिए। इसे एमरजेंसी में ही यूज करना चाहिए। मैं हर महीने पति और अपने वेतन में से कुछ रुपये अलग रखती थी। नारायण मूर्ति को इसकी जानकारी नहीं थी। ये रुपये मैं एक बॉक्स में रखती थी। इस बॉक्स में 10,250 रुपये हो गए थे।” बता दें सुधा मूर्ति अब तक कई लोगों की मदद कर चुकी हैं।