मैथिली ठाकुर ने 4 साल की उम्र से शुरू किया था संगीत का सफर, 5 बार फेल, फिर हुआ एसा की आज किसी सुपरस्टार सिंगर से कम नहीं है इनकी सफलता……
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि बिहार की बेटियां हर क्षेत्र में बेटों की बराबरी नहीं कर सकती फिर चाहे वह सरकारी नौकरी प्राप्त करना हो या फिर मनोरंजन के क्षेत्र में प्रदेश का नाम रोशन करना हो ऐसे में गीत संगीत के क्षेत्र में बिहार को एक अलग ही पहचान दिलाने वाले मैथिली ठाकुर हैं.
जिन्होंने अपनी सुरीली आवाज से पूरे बिहार में अपना नाम रोशन किया है और कौन है जो मैथिली ठाकुर को नहीं जानता लाखों लोग उनकी आवाज के फैन बन चुके हैं वह महज 4 साल की उम्र से अपना करियर बना रही है और आज उनकी सफलता किसी सुपरस्टार सिंगर से कम नहीं है
उनकी आवाज से कौन अवगत नहीं है इसके अलावा वह अच्छी पेंटिंग भी कर लेती हैं जबकि वर्तमान समय में भजन और लोकगीत गाने के साथ-स जिनसे ज्यादातर मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को बिहार के मधुबनी में स्थित बेनीपट्टी नामक एक छोटे से गांव में हुआ था
जिनके पिता का नाम रमेश ठाकुर और मां का नाम भारती ठाकुर है मैथिली के पिता एक संगीत शिक्षक हैं लिहाजा मैथिली बचपन से ही संगीत सुनते सुनते बढ़ी हुई है और धीरे-धीरे उनकी रुचि भी संगीत के प्रति इतनी अधिक बढ़ गई कि वह भी एक अच्छी संगीतकार बन गई
ऐसे में मैथिली ठाकुर ने 4 साल की उम्र में शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू किया जिसके बाद साल 2011 में उन्होंने टीवी में प्रसारित होने वाले शो लिटिल चैंप्स में हिस्सा लिया लेकिन उस शो में मैथिली ठाकुर विजेता नहीं बन पाई
हालांकि उन्हें एक बाल गायक के तौर पर पहचान बना आने में कामयाबी मिल गई मैथिली ठाकुर अलग-अलग सिंगिंग सोच में हिस्सा ले चुकी है
लेकिन वह किसी भी सो में विजेता नहीं बन पाई थी हालांकि इसके बाद बाद भी मैथिली ने हार नहीं मानी और सन 2015 में उन्होंने जीनीयस सिंगिंग स्टार का खिताब जीतने में सफलता हासिल कर ली साल 2017 में मैथिली ठाकुर ने राइजिंग स्टार के मंच पर अपने गायन का अनोखा हुनर दिखाया था
जिसके बाद उनकी आवाज को लोगों ने अत्यधिक मात्रा में पसंद किया थ तबला और हारमोनियम जैसे वाद्य यंत्रों को बजाना भी बहुत अच्छे से जानती हैं ऐसे में इनके अंदर इतनी अधिक क्वालिटी हैं कि लोग उनको कैसे नहीं जान सकते इतना ही नहीं इन वीडियोस में मैथिली ठाकुर के दोनों छोटे भाई ऋषभ ठाकुर और अयाची ठाकुर भी नजर आते हैं
जो शास्त्रीय संगीत और वाद्य यंत्र बजाने में मैथिली की मदद करते हैं ऐसे यूट्यूब चैनल के जरिए मैथिली ठाकुर हर साल तकरीबन 5000000 रुपए की कमाई करती है जबकि ब्रांड डील्स और प्रमोशन के जरिए भी अलग से कमाई होती है मैथिली ठाकुर ने अपने टैलेंट के बलबूते एक करोड़ की संपत्ति एक हड्डी कर ली है जबकि उनके सोशल मीडिया और इंस्टाग्राम पर करोड़ों करोड़ों वर्ष बन गए हैं
अब मैथिली ठाकुर और उनके साथ दो छोटे भाई भी संगीत के क्षेत्र में अपना करियर बना रहे हैं जिनके गायन के वीडियो यूट्यूब पर देखे जा सकते हैं.