4 बार हुए फैल लेकिन नहीं मानी हार और इसी लगन से मिली सफलता, देखे गौहर हसन की UPSC के संघर्ष की कहानी
युवा इस परीक्षा के माध्यम से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की बागडोर संभालने का सपना संजोते हैं। हालांकि, यह सपना सच करना इतना आसान नहीं है। क्योंकि, इस परीक्षा को पास करने के लिए एक लंबी तैयारी की जरूरत होती है। कई बार युवाओं को इसमें सफलता प्राप्त करने के लिए लंबा इंतजार भी करना पड़ता है। वहीं, कुछ युवा इस सफर के बीच हिम्मत हारकर बैठ जाते हैं, जबकि कुछ युवा सफलता के इंतजार में मेहनत करते रहते हैं।
आज हम आपको बिहार के रहने वाले गौहर हसन की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने सिविल सेवा को पास करने के लिए सात साल तैयारी की। इस बीच वह चार बार असफल रहे, लेकिन अपने पांचवे प्रयास में वह 137वीं रैंक के साथ आईपीएस बनने में सफल रहे। अपनी गलतियों से सीख वे आगे बढ़े और अंततः बार-बार असफल होने के बाद भी पीछे नहीं हटे, जब तक मंजिल नहीं मिल गई।
गौहर का यूपीएससी सफर आसान नहीं था। अपनी तरफ से हर मुमकिन कोशिश करने के बावजूद वे बार-बार इस परीक्षा में असफल हो रहे थे। अगर उनके असफलता के सफर के बारे में बताना हो तो वह कुछ ऐसा रहा। पहले प्रयास में गौहर का प्री में भी नहीं हुआ लेकिन इसके बाद के चारों अटेम्प्ट्स में वे प्री परीक्षा पास कर गए।
गौहर ने यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी शुरू की और अपना पहला प्रयास किया, लेकिन वह अपने पहले प्रयास में प्रीलिम्स की परीक्षा को भी पास नहीं कर सके। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरा प्रयास किया। वह दूसरे प्रयास में मेंस तक पहुंचे, लेकिन फेल हो गए। गौहर ने फिर से तैयारी की और तीसरा प्रयास किया और वह फिर से मेंस परीक्षा तक पहुंचे, लेकिन इस बार भी वह मेंस में ही फेल हो गए। गौहर का मनोबल टूट रहा था, लेकिन उन्होंने खुद को संभाला और चौथा प्रयास किया। इस बार उन्होंने मेंस परीक्षा पास की और इंटरव्यू में पहुंच गए। हालांकि, जब परिणाम आया, तो वह फाइनल लिस्ट में जगह बनाने में असफल हो गए।
अगले दो प्रयासों में वे मेन्स पास नहीं कर पाए। चौथे प्रयास में इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे लेकिन सूची में नाम नहीं आया। हालांकि गौहर ने बार-बार मिल रही असफलताओं से हिम्मत नहीं हारी और अंततः पांचवें प्रयास में 137वीं रैंक के साथ सेलेक्ट हुए। गौहर हसन मुख्यतः बिहार के रहने वाले हैं और उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई यहीं हुई। क्लास दसवीं पास करने के बाद वे दिल्ली आ गए और यहां जामिया मिलिया इस्लामिया से कंप्यूटर में डिप्लोमा हासिल किया।
गौहर ने सिविल सेवा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को सलाह दी है कि अधिक किताबों को पढ़ने के बजाय केवल सीमित किताबों को ही पढ़ें। क्योंकि, कई किताबों से पढ़ने से बेहतर है कि जिन किताबों को पढ़ा है, उन्हीं से रिविजन किया जाए। इससे परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने में मदद मिलेगी।