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किराए के पैसे नहीं थे कई किलोमीटर तक चलना पड़ता था पैदल, 10 साल प्राइवेट जॉब के बाद बनी आईएस टॉपर..-banner
Neeru Shekhawat Author photo BY: NEERU SHEKHAWAT 416 | 1 | 2 years ago

किराए के पैसे नहीं थे कई किलोमीटर तक चलना पड़ता था पैदल, 10 साल प्राइवेट जॉब के बाद बनी आईएस टॉपर..

10 साल तक की प्राइवेट जॉब और आज बन गई एक बड़ी आईपीएस ऑफिसर, जाने खुद आईपीएस अनू कुमारी के लफ्जों में उनके संघर्ष की कहानी...

आईपीएस ऑफिसर अनू कुमारी के संघर्ष से आज के युद्ध के सामने मिसाल खड़ी कर दी है एस ऑफिसर अनु का कहना है कि मैंने आईपीएस ऑफिसर बनने के लिए कोई प्लांट्स नहीं बनाए लेकिन हां मुझे बहुत डाउट्स थे। जीवन में कभी-कभी ऐसे रिस्क लेने पड़ते हैं। मैं लगभग 8 सालों से प्राइवेट जॉब कर रही थी जी बीच मेरी शादी हो गई और मेरा एक छोटा बेटा भी है। बच्चे को पालने के साथ-साथ पढ़ाई करना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि बच्चों की बहुत टेक केयर करनी पड़ती है।

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Image source - Google search

आईपीएस अनु हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली है इनकी उम्र है 31 साल।यूपीएससी एग्जाम मैं अनु ने दूसरी रैंक प्राप्त की। 2 साल का बेटा भी था और सारे परिवार की जिम्मेदारी अनु अरे की थी इसी बीच भी वह 10 से 12 घंटे पढ़ाई के लिए निकाली लेती थी। फर्स्ट टाइम में यह है यूपीएससी क्लियर नहीं कर पाई लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी पढ़ाई में लगी रही। शिव पेशी के सेकंड अटेम्प्ट में इन्होंने यूपीएससी एग्जाम पास की। इन्होंने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी अपनी पड़ोसी के घर रहकर की यहां सुबह का अखबार भी नहीं आता था ‌। अगर मेहनत सच्ची हो तो हम किसी भी एग्जाम में सफल हो सकते हैं।अनु देश की महिलाओं की सुरक्षा के लिए कुछ करना चाहती है। हाल ही में अनु जब अपने गांव सोनीपत पहुंची तो वहां के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया।

अनु का कहना है कि यूपीएससी एग्जाम पास करना मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं। मैंने यूपीएससी एग्जाम देने के लिए कोई कोचिंग सेंटर ज्वाइन नहीं किया पढ़ाई की वह स्वयं घर रहकर ही की। मैंने अपना लक्ष्य चुना और उसे पाने में दिन रात एक की। मैंने सर्च स्टडी की है और ऑनलाइन क्लासेस से भी बहुत मदद मिली।

अनु ने कहा पढ़ने की सामग्री कम रखें लेकिन ज्यादा से ज्यादा पढ़े सबसे इंपोर्टेंट है रिवीजन। मैं अपनी नोट्स चार से पांच बार रिवाइज करती थी करंट अफेयर्स के लिए मैंने ऑनलाइन क्लासेज ली।

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