रिंकू सिंह के 5 छक्के लगाने से गदगद हुए उनके पिता, आंखों में आंसू लेकर बोले अभी भी नहीं छोडूंगा सिलेंडर पहुंचाने का काम
आईपीएल इतिहास में वैसे तो एक से बढ़कर एक मैच हुए हैं लेकिन जिस शानदार अंदाज में गुजरात टाइटंस और कोलकाता नाइटराइडर्स का मुकाबला समाप्त हुआ उसकी बराबरी कोई नहीं कर सकता है। दरअसल असंभव से दिख रहा है लक्ष्य को रिंकू सिंह ने सिर्फ 5 गेंदों में समाप्त करते हुए ऐसा कीर्तिमान बनाया कि आज वह आईपीएल इतिहास के सबसे बेहतरीन फिनिशर माने जाने लगे हैं और इस मुकाबले के बाद सिर्फ दर्शक ही नहीं बल्कि रिंकू सिंह का पूरा परिवार भी खुशी से झूम उठा है और हाल ही में उनके पिता का बयान भी सामने आया है जिसमें वह आंसू लेकर अपने बेटे की तारीफ कर रहे हैं। आइए आपको बताते हैं रिंकू सिंह के पांच छक्कों के बाद कैसे गदगद होकर उनके पिता हर जगह मिठाई खिला रहे हैं और सभी लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं।
रिंकू सिंह के पिता के छलक आए थे आंसू:
छक्के लगाए जाने के बाद पूरे शहर में उन्हीं के चर्चे हो रहे थे और आपको बता दें कि रिंकू के पिता हर दूसरे घरों में सिलेंडर पहुंचाने का काम करते हैं लेकिन इस दिन उनकी गाड़ी जहां कहीं भी जा रही थी तब उन्हें रोककर लोग मिठाई खिलाने की बात कहते नजर आ रहे थे। रिंकू के पिता खान चंद ने बताया कि सब की मुराद पूरी करते हुए वह भी अपने टेंपो को रोक कर लोगों को मिठाई खिला रहे थे और इस मौके पर कई लोग यह कहते नजर आ रहे थे कि उन्हें अब सिलेंडर पहुंचाने का काम छोड़ देना चाहिए लेकिन आइए आपको बताते हैं रिंकू सिंह के पिता ने ऐसा कौन सा बयान दिया जिसने लोगों के दिलों को जीत लिया।
रिंकू के पिता नहीं छोड़ेंगे सिलेंडर पहुंचाने का काम:
इनके पिता जो सिलेंडर पहुंचाने का काम करते हैं उनके बारे में आपको बता दें कि जैसे ही उनके बेटे ने यह बड़ा कारनामा किया है तब सभी लोग यह कहते नजर आ रहे हैं कि उन्हें अब यह काम छोड़कर घर पर आराम करना चाहिए लेकिन खुद रिंकू सिंह के पिता ने बताया कि यह मेरा काम है और मैंने इसी की बदौलत अपने बेटे की परवरिश की है और इसी वजह से मेरे से जब तक यह काम हो सकेगा मैं करूंगा। रिंकू सिंह के पिता के इस बयान को सुनने के बाद सभी लोग उनकी खूब तारीफ कर रहे हैं और यह कहते नजर आ रहे हैं कि अपने पिता की तरह ही रिंकू बहुत मजबूत है और इसी वजह से उन्होंने आईपीएल में ऐसे कारनामे किए हैं कि आज उनके माता पिता अपने बेटे का नाम सुनकर गौरवान्वित हो उठे हैं।