पड़ोसी के आंगन में सजा हिंदू दुल्हन का मंडप, आजमगढ़ का विवाह बना एक मिसाल...! पेश की एक नई मिशाल
दोस्तों आजमगढ़ का एक मुस्लिम परिवार जिसने हिंदू धर्म की लड़की की शादी के लिए अपना घर मंडप के तौर पर दिया है। आज हम इसी मामले पर बात करेंगे।
मामला उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के एक मुस्लिम परिवार का है। इस मुस्लिम परिवार ने समाज के सामने एक नया उदाहरण पेश किया है। जहां एक हिंदू लड़की के विवाह के समारोह के लिए इस मुस्लिम परिवार ने अपना घर दिया। इस लड़की के पिता की मौत कोरोना से हुई थी। इस परिवार ने बारात का बड़े धूमधाम से स्वागत किया और शादी की सभी रस्मों में हिस्सा भी लिया।
लड़की के चाचा जिस चौरसिया ने कहा-कि हमारे पास पैसों की कमी के चलते हम भतीजी पूजा की शादी के लिए मैरिज हॉल बुक नहीं करवा पा रहे थे।हमारा घर बहुत छोटा है शादी सभी समारोह का आयोजन सही से नहीं हो पा रहा था। मैंने यही बात अपने पड़ोसी परवेज खान को बताई तो उन्होंने तुरंत बिना देर किए शादी के लिए अपना घर दे दिया। इसके बाद राजेश और उनका परिवार मुक्त हो गया और शादी की तैयारियों में लग गया। परवेज खान और इनके परिवार ने शादी का मंडप बनवाने लग गया।
मुस्लिम परिवार की महिलाओं में शादी के लिए गीत गाए, इस समय रमजान का महीना चल रहा था, जिसमें मुस्लिम समाज के लोग दिनभर रोजा रखते हैं। रमजान के बीच मुस्लिम परिवार हिंदू धर्म की लड़की की शादी के लिए अपना घर दिया। घर में मंडप लगाया गया पूरे घर अच्छी तरह से सजाया गया मेहमानों को बैठाने की तैयारियां की गई। पूरे मुस्लिम परिवार ने मेहमानों का स्वागत बड़े आदर सम्मान के साथ किया। परवेज खान और घर के अन्य पुरुष मेहमानों की सेवा कर रहे थे वहीं महिलाएं अन्य महिलाओं के साथ शादी के गीत गा रही थी।
परवेज ने दूल्हे को सोने की चेन गिफ्ट में दी और शादी के बाद मेहमानों को तोहफे भी दिए। राजेश ने कहा-बारात की जाने के बाद परवेज ने दूल्हे को सोने की चेन उपहार में दी थी। परवेज ने मेहमानों का स्वागत इस तरह किया की मानो पूजा उनकी ही बेटी हो। परिवेश की पत्नी नादिरा ने कहा कि पूजा और इसकी मां अक्सर हमारे घर आते जाते रहते हैं उनके और हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं।
नादिरा ने कहा पूजा मेरी बेटी की तरह है जब हमें उसकी शादी के बारे में पता चला, हमने परिवार के सदस्य के तौर पर जो हो सकता था वह हमने किया। रमजान का पवित्र महीना चल रहा है और ऐसे में बेटी की शादी की तैयारियां हो इससे अच्छा और क्या हो सकता है। आगे नादिरा ने कहा-भले ही हमारे धर्म अलग अलग है लेकिन एक इंसान होने के नाते हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी बेटियों को खुश रखें।