बार-बार अनुरोध करने के बाद भी जब नहीं हुआ ट्रान्सफर तो अंत में अपने दिल की आवाज सुनकर उन्होंने..! किया ऐसा
बिहार के एक प्रोफेसर इस समय सोशल मीडिया पर खूब छाये हुए है। लोगों की इस सराहना का कारण यह है कि एक तरफ जहां को'रोना काल में कई संस्थानों ने बाचो को नहीं पढ़ाया, फिर भी उन्होंने परिवार के सदस्यों से पूरी फीस वसूल की, वहीं दूसरी तरफ ये प्रोफेसर अपना तीन साल का वेतन नहीं लेना चाहते हैं।
3 साल का वेतन वापस करना चाहते हैं
up के मुजफ्फरपुर स्थित भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के नीतीश्वर कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ. ललन कुमार ने कक्षा न मिलने पर विश्वविद्यालय को अपना पूरा वेतन लौटा दिया। ललन कुमार पिछले तीन साल से विवि को पत्र लिख रहे थे। उनकी मांग थी कि उन्हें ऐसे कॉलेज में ट्रांसफर किया जाए जहां बच्चे पढ़ने आते हैं।
उन्होंने पत्र लिखे लेकिन उनका जवाब नहीं आया। सुनवाई न होने से ललन कुमार परेशान हो गए और आखिरकार उन्होंने अपना 3 साल का पूरा वेतन विश्वविद्यालय को लौटा दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय को 23 लाख 82 हजार 228 रुपये वेतन लौटाकर इस्तीफा देने की पेशकश की है।
ज्ञान की कमी
एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से 24 सितंबर 2019 को ललन कुमार को सहायक प्रोफेसर के रूप में चुना गया था। ललन कुमार के अनुसार, 2019 से 2022 तक उनकी छह बार स्थानान्तरण-पोस्टिंग हुई। इससे परेसान होकर उन्होंने 4 दफा आवेदन पत्र लिखे और मांग की कि उनके कॉलेज में बच्चों नहीं पढाया जाता है और वह बच्चों को पढ़ाना चाहते है। इसलिए उन्हें पीजी विभाग, एलएस कॉलेज या आरडीएस कॉलेज में स्थानांतरित कर दिया जाए। क्योंकि इन कोलेजों में बच्चों की कक्षाएं नहीं लगती हैं और वो बच्चों पढाना चाहते है जिससे उनके नोलेज का सही उपयोक हो सके।
बार-बार अनुरोध करने के बाद भी जब उनका तबादला नहीं हुआ तो अंत में अपने दिल की आवाज सुनकर उन्होंने 25 सितंबर 2019 से मई 2022 तक प्राप्त सभी वेतन वापस लोटने का निर्णय किया।
खुल गई पोल
मशहूर प्रोफेसर ललन कुमार: up के मुजफ्फरपुर में 23 लाख रुपये का वेतन लौटाने वाले नीतीशवर सिंह का अब एक बड़ा खुलासा सामने आया है। जिस अकाउंट नंबर का प्रोफेसर ललन कुमार ने यूनिवर्सिटी को चेक दिया था, उसमें 1000 से भी कम रुपये थे। जिसके बाद से प्रोफेसर ललन कुमार विवादों के घेरे में आ चुके है। 2 वर्ष 9 माह का वेतन करीब 23 लाख रुपये यूनिवर्सिटी को लौटाने का दावा कर सोशल मिडिया पर चर्चा का विषय बने हुए है, जिससे 'ईमानदार' प्रोफेसर ललन कुमार की पोल खुल चुकी है और वे अब बैकफुट पर आ चुके हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से स्नातक और जेएनयू से पीजी की पढ़ाई करने वाले ललन दोनों ही जगह पर टॉपर रह चुके हैं। उन्हें स्नातक में अकादमिक उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिला है। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एमफिल और पीएचडी भी की है।