दूसरों के घरों में बर्तन धो कर चलती थी परिवार, बन गई आईपीएस अधिकारी
अगर आपकी मेहनत और लगन सच्ची है तो आप किसी भी बड़े लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं आप अपने सपने को हकीकत बना सकते हैं। आप अपने आसपास ऐसे कई उदाहरण देखे होंगे जो समाज के लिए आगे चलकर मिसाल खड़ी कर देते हैं, ऐसी ही कहानी है इलमा अफरोज की जब यह 14 वर्ष की थी तो उनके पिता की डेथ हो गई और इसके बाद इनके घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई।
पिता के जाने के बाद इनकी मां को लोग सलाह देते थे, कि बच्ची की पढ़ाई छुड़वा दो लेकिन मां ने ऐसा नहीं किया और इलमा को पढ़ने स्कूल भेजा, अलमा ने मन लगाकर पढ़ाई की इसके बाद इन्हीं स्कॉलरशिप मिली और यह स्कॉलरशिप की मदद से विदेश में जाकर पढ़ाई की।
विदेश में इलमा को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा, इन्हें अपनी पढ़ाई के साथ-साथ बर्तन धोने का काम भी शुरू कर दिया जिससे घर का खर्चा चलता था, बाद में विदेश में नौकरी मिल गई। लेकिन इन्होंने अपने देश आकर कुछ अच्छा करने का फैसला किया, जब यह अपने देश इंडिया आई तो लोग इनके पास आकर अपनी समस्या बताते थे, जिसके बाद इन्हें लगा कि समाज में बदलाव लाने के लिए कुछ कदम उठाने होंगे।
इलमा अफरोज ने आईएएस ऑफिसर बनकर समाज में कुछ बदलाव लाने की सोच के साथ यूपीएससी एग्जाम की तैयारी में लग गई और बाद में इन्हें यूपीएससी एग्जाम में सफलता हासिल हुई और एक आईपीएस ऑफिसर बनी। इलमा अफरोज अपने गांव वालों के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल बनी।