कुवैत को भारत से गोबर मंगवाने के ऑर्डर मिले हैं, वैज्ञानिक का मानना है कि गोबर फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक है
इंडिया कृषि के क्षेत्र में पशु उत्पादों के निर्यात में भारत अग्रणी भूमिका निभाता है भारत में पशु उत्पादों का इस्तेमाल हजारों साल से होता आ रहा है इस्लामी कंट्री कुवैत के एक वैज्ञानिक की रिसर्च में पता चला कि फसलों के लिए गाय का गोबर बहुत यूज़फुल है जिसके बाद कुवैत ने इंडिया को इसके ऑर्डर दे दिए। पहली खेप में 192 मीट्रिक टन कार का गोबर कुवैत कौन याद किया गया गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से इसे कुवैत भेजा गया।
आपको बता दें कि यह पहली बार है जब भारत को कुवैत गोबर का ऑर्डर मिला है भारत इससे पहले पशु उत्पादों में पशुओं की खाल के अलावा दूध और दूध से बनी चीजों का ही निर्यात करता था अब गाय के गोबर की गुणवत्ता को विदेशी वैज्ञानिक रिसर्च में उसके मिलने के बाद भारत को आर्डर मिल रहे हैं सबसे बड़ी बात कि निर्यात गवर्नमेंट नहीं बल्कि प्राइवेट लेवल पर हो रहा है कुवैत का मानना है कि गाय के गोबर के यूज से खजूर की फसल का आकार और उत्पादकता दोनों बढ़ती है।
जयपुर के टोंक मोड़ पर स्थित पिंजरापोल गौशाला स्थित ‘सनराइज आर्गेनिक पार्क’ में कस्टम विभाग की निगरानी में कंटेनरों में गोबर की पैकिंग का काम हुआ।बुधवार के दिन कनकपुरा रेलवे स्टेशन से पहली खेप कुवैत को भेजी गई। ‘भारतीय जैविक किसान उत्पादक संघ’ के अध्यक्ष डॉ अतुल गुप्ता के प्रयासों से यह काम सफल हुआ। ‘सनराइज एग्रीलैंड एंड डेवलपमेंट रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड’ को भी यह ऑर्डर मिला है। लैमोर नामक कंपनी ने भी गोबर मंगवाया है
कंपनी के ओनर प्रशांत चतुर्वेदी का मानना है कि भारत में पहली बार शायद ऐसा कुछ हो रहा है उन्होंने कहा कि 2020-21 में भारत का पशु उत्पाद निर्यात 27,155.56 करोड़ रुपए था और जैविक खाद की माँग लगातार बढ़ रही है । उन्होंने बताया कि गाय के गोबर के इस्तेमाल से फसल की कई बीमारियां भी खत्म हो जाती है ।भारत के मवेशी रोज 30 लाख टन के आसपास गोबर देते हैं। चीन 1.5 करोड़ परिवारों को बिजली देने के लिए गोबर का ही इस्तेमाल करता है।