पश्चिम बंगाल:- चोरी कर रहे चोर, जब पता चला अपने ही बचपन के अध्यापक का घर है, तो गुरु जी का पैर छूकर सारे पैसे देकर चले गए
दोस्तों शिक्षक उस मोमबत्ती के समान है जो खुद जलकर दूसरों को प्रकाशित करता है, उनके जीवन को बेहतर बनाते है। शिक्षक ही है जो विद्यार्थी के आने वाली कल की नींव मजबूत बनाते हैं। शिक्षक ही विद्यार्थियों के सामाजिक और मानसिक स्तर का विकास करते हैं।
शिक्षक अपनी हर विद्यार्थी की कमजोरी और उसकी योग्यता को जानता है वह कमजोर छात्रों की अंदर छुपी प्रतिभाओं को भी उजागर करते है उन्हें आगे बढ़ने का प्रोत्साहन देते हैं। शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ाने के साथ-साथ उन्हें खेल कूद और प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए भी प्रेरित करते हैं। ऐसी खबर सामने आई है जिसे पढ़कर आप हैरान होने वाले हैं।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में एक अजीब घटना हुई है यहां एक रिटायर्ड टीचर के घर मे चोर घुसे चोरी भी की, लेकिन जब उन्हें पता चला कि यह एक टीचर का घर है तो उन्होंने गुरु के पैर पकड़कर उन्हें चोरी के सारे पैसे दे दिए।
रिटायर्ड अध्यापक का नाम है हरीश चंद्र रॉय। यह है 1997 में रिटायर हुए थे बाद में अपने छोटे भाई के मकान में रहने लगे। इलाके का हर व्यक्ति उनका सम्मान करता है उन्हें बहुत इज्जत देता है। इन्होंने सिर्फ स्टूडेंट्स को पढ़ाया ही नहीं बल्कि गरीब स्टूडेंट्स की आर्थिक सहायता भी की।
1 दिन उनकी अचानक तबीयत खराब हुई, इस समय बहुत ज्यादा गर्मी थी, गर्मी से राहत पाने के लिए उन्होंने घर का दरवाजा खोला तो दो लोग चाकू लेकर घर में घुसे पैसे चुराए और साथ में उनका फोन भी लेकर चले गए। इसी बीच एक चोर ने अपने पुराने गुरु को पहचान लिया और उसने अपने गुरु को प्रणाम किया उनके पैर छुए और उन्हें सारे पैसे और फोन वापस दे कर चले गए।