इन 2 महिला कांस्टेबल ने अपना अमृत तुल्य दूध पिलाकर 2 मासूम जानों को की जिन्दगी का उपहार दिया। इसे देख हर किसी की आँखें नम हो गयी।
इस संसार में अच्छे और बुरे दोनों ही तरह के लोग रहते हैं। आज हम आपको दो ऐसे पुलिस कॉन्स्टेबल की कहानी बताएंगे जिन्होंने लोगों के सामने एक मिसाल कायम की है। हम जिन पुलिसकर्मियों की बात कर रहे हैं वह दो महिला कॉन्स्टेबल हैं। इन महिला कांस्टेबलों ने अपने फर्ज को बखूबी समझा और ईमानदारी के साथ निभाया भी है। इन्होंने दो मासूम जानों को बचाने के लिए अपना अमृततुल्य स्तनपान करवाया। ऐसे पुलिस वालों को RJ18 न्यूज़ का तहे दिल से सलाम।
यह दोनों पुलिसकर्मी राजस्थान के कोटा संभाग के बारां जिले के पुलिस थाने में कार्यरत है। इतनी भीषण गर्मी में दो मासूम जाने भूख प्यास से तड़प रही थी। जिसे देख थाना अधिकारी से लेकर कॉन्स्टेबल और हवालदार तक सभी लोग चिंतित हो उठे। यह दो मासूम बच्चे मात्र ढाई महीने के थे। इन दोनों मासूम जानो की ऐसी हालत देख इसी पुलिस थाने की दो महिला कांस्टेबलों ने बारी-बारी से अपना दूध पिलाकर मानवता की एक नई मिसाल लोगों के सामने पेश की। इन दोनों महिला कांस्टेबलों को ऐसा करता देख लोगों ने इनकी तहे दिल से सराहना की।
थानाधिकारी महावीर कीराड़ और एसआई हरि शंकर नागर ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस थाने में तैनात दो महिला कांस्टेबलों ने यशोदा मां बनकर इन दो मासूम बच्चियों को स्तनपान करवाया और इनको नया जीवनदान देकर इनकी जान बचाई।
दरअसल यह मामला 4 मई की दोपहर का है, जिसमें एक शख्स जिसकी उम्र लगभग 23 साल रही होगी वह नशे की हालत में बाबड के पहाड़ी क्षेत्र से पैदल गुजर रहा था। जिसकी सूचना डीईओ हरि शंकर नागर को मिली और उन्होंने तुरंत ही इस सूचना पर संज्ञान लिया। पुलिसकर्मी अपनी टीम के साथ इस व्यक्ति की तलाश में बाबड क्षेत्र के जंगल में पहुंच गए और इस व्यक्ति को आखिरकार तलाश कर लिया गया। यह व्यक्ति झाड़ियों में घुसा हुआ दिखाई दिया। जिस पर पुलिस कर्मियों ने इसकी पुष्टि की और इस व्यक्ति के पास से दो अचेत अवस्था में ढाई महीने की बच्ची भी प्राप्त कि।
पूछताछ करने पर पता चला है कि इस नशेड़ी व्यक्ति के पास ढाई महीने की दो बच्चियां थी और वह व्यक्ति उन बच्चों का पिता था जिसका नाम राधेश्याम काथोड़ी है। यह व्यक्ति सालापुर इलाके का रहने वाला है। शुरुआती जांच में पता चला है कि वह अपने ससुराल झालावाड़ जिले के कामखेड़ा इलाके के एक गांव बंधा से सुबह 4:00 से 5:00 बजे के लगभग इन दो बच्चियों को लेकर पैदल ही रवाना हो गया था। यह दोनों बच्चियां भूख प्यास से तड़प रही थी वही इनका पिता नशे की हालत में 15 किलोमीटर दूर सालापुर जा रहा था।
इस पूरे मामले की सूचना इन बच्चियों की मां को पहुंचा दी गई। जब तक इन बच्चों की मां पुलिस थाने नहीं पहुंची तब तक कॉन्स्टेबल मुकलेश और पूजा ने बच्ची की पूरी देखभाल की और इन दोनों बच्चियों को भारी बारी बारी से अपना स्तनपान कराती रही। इन दोनों महिला कांस्टेबलों के अनुसार इन दोनों बच्चों की हालत काफी खराब थी और यह भूख से बिलख रही थी। इनके हॉट भी सुख चुके थे। महिला कॉन्स्टेबल मुकलेश और पूजा ने बताया कि इन दो अनजान आदिवासी बच्चियों को स्तनपान करवाना हमारे लिए बड़े ही गर्व की बात रही है।