अन्न दाता ने बेटी को खेत बेचकर बनाया अफसर, जाने आईएएस ऑफिसर उर्वशी सेंगर की प्रेरक कहानी..
अगर मन मे उत्साह ,लगन हो और कुछ करने की ठान ली जाए तो किसी भी सफलता को प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा ही कुछ करके दिखा है एमपी के ग्वालियर की रहने वाली उर्वशी सेंगर ने। उर्वशी सेंगर ने अपने बुरे वक्त से लड़ते हुए यह सफलता प्राप्त की है हर एक स्टूडेंट जो यह सपना जरूर देखता है कि मैं यूपीएससी क्लियर कर पाऊं। उर्वशी ने ऐसा ही सपना देखा और उसे सच कर दिखाया। उर्वशी ने यूपीएससी एग्जाम में 532 वी रैंक हासिल की। उर्वशी के पिता रविंद्र सेंगर एक इलेक्ट्रिशियन है। उर्वशी के इस सपने को पूरा करने में उनके पिता का बहुत बड़ा हाथ है।
ग्वालियर में न्यू ग्रेमस विहार बस्ती में उर्वशी रहती है यह अपने दो बहन एक भाई और अपने माता-पिता के साथ रहती है। घर की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी। ऐसी परिस्थिति में भी पिता ने बच्चों की पढ़ाई में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रखी। पिता सुबह भी मजदूरी के लिए जाते और शाम को बच्चों को पढ़ाई के बारे में पूछते।
उर्वशी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई ग्वालियर की बादलगढ़ मैसेज शिशु मंदिर से की इसके बाद 2015 में इन्होंने केआरजी गर्ल्स कॉलेज से ज्योग्राफी सब्जेक्ट से बीएससी और बाद में एमएससी की। उर्वशी ने अपनी पढ़ाई करने के बाद यूपीएससी एग्जाम देने की ठानी, इसके लिए वह कोचिंग करना चाहती थी लेकिन पिता के पास इतने पैसे नहीं थे वह पढ़ाई भी अपनी स्कूल स्कॉलरशिप के जरिए कर पाई।
इसके बाद उर्वशी ने घर पर यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी, दो बार यूपीएससी एग्जाम दी लेकिन प्रीलिम्स एग्जाम भी पास कर नहीं कर पाई, इसी बीच इनके मन में निराशा का भाव उत्पन्न हुआ लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। दो बार हार का सामना करने के बाद इन्होंने कोचिंग करने की आवश्यकता महसूस हुई ।
इसके बाद पिता ने बेटी को आगे बढ़ाने के लिए अपनी जमीन बेच दी उर्वशी जॉब भी करती थी लेकिन पिता चाहते थे कि वह अपना पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई पर दे। इसके बाद में एग्जाम की तैयारी करने के लिए दिल्ली आ गई जहां उन्होंने 2018-19 में दो बार यूपीएससी एग्जाम दी लेकिन सफल नहीं हो पाई।
इसी बीच उन्होंने यूपीपीएससी की एग्जाम दी जिसमें इनका चयन तहसीलदार के लिए हुआ। जिसके बाद उर्वशी के मन में उत्साह बढ़ गया उन्होंने यूपीएससी क्लियर करने की ठान ली। वह आगे बढ़ती रही और साल 2020 में यूपीएससी एग्जाम पास की। इस एग्जाम में इन्होंने 532 रैंक हासिल की इनका माध्यम हिंदी था।